वर्ष 2024 के लिए भारत में टॉप 10 सबसे लोकप्रिय खेल

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जानिए कि वर्ष 2024 में भारत में कौन से खेल सबसे लोकप्रिय माने जाते हैं। वैसे तो यहां क्रिकेट सबसे पसंदीदा खेल है, लेकिन फुटबॉल और अन्‍य खेलों की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। टॉप खेलों की सूची आपका इंतजार कर रही है।

वर्ष 2024 के लिए भारत में सबसे लोकप्रिय खेल

कई देशों में खेल बहुत लोकप्रिय हैं। यहां विश्‍व स्‍तरीय प्रतियोगिताएं बहुत पसंद की जाती हैं। भारत में भी खेल लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है। यही वजह है कि भारत के लोग अक्‍सर अपना समय खेल खेलने में व्यतीत करते हैं। इस आर्टिकल में, आप भारत के 10 सबसे लोकप्रिय खेलों के बारे में जानेंगे। सभी भारतीय इन खेलों से बेहद प्यार करते हैं और मैचों में सक्रिय रूप से अपनी पसंदीदा टीमों का समर्थन करते हैं। किसी भी खेल की लोकप्रियता का अंदाजा उसे देखने वाले लोगों की संख्या से लगाया जा सकता है। नीचे आप भारत के लोगों की प्राथमिकताओं के बारे में बहुत कुछ जानेंगे। यहां प्रत्येक खेल के बारे में अलग-अलग विस्‍तार से बताया गया है।

भारत में शीर्ष 10 लोकप्रिय खेल

भारतीय लोगों के कई अलग-अलग शौक हैं। इस देश के लोग हमेशा कुछ नया करने को तैयार रहते हैं। भारतीय लोगों के निवास स्‍थान के आधार पर उनकी प्राथमिकताओं में बदलाव देखने को मिलता है। हालांकि, दुनिया में कुछ चीजें हैं जो उन्हें एक साथ ला सकती हैं और उन्हें एकजुट कर सकती हैं। और जा‍हिर तौर पर वह खेल हैं। आप यह नहीं कह सकते हैं कि एक खेल किसी दूसरे खेल की तुलना में अधिक लोकप्रिय रहा है और रहेगा।

भारतीयों की पसंद समय के साथ बदल सकती हैं। लेकिन एक चीज है जो इस देश में कभी नहीं बदलने वाली और जाहिर तौर पर वह क्रिकेट है। प्राचीन काल से लेकर आज तक, क्रिकेट के स्‍टेडियम में रिकॉर्ड संख्या में इसके प्रशंसक जुटते हैं। जुनून और लोकप्रियता के कारण क्रिकेट को यहां धर्म भी कहा जाता है। नीचे आपको एक सूची दिखाई देगी। इसमें भारत में लोकप्रिय सभी खेल दिए गए हैं। उन्हें उत्सुकता से देखा जाता है, उनका समर्थन किया जाता है और उन पर दांव लगाया जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनमें से कोई भी इस देश में सफल है।

क्रिकेट

यह भारत में सबसे लोकप्रिय गेम है। यह कई वर्षों से लगातार लोकप्रिय बना हुआ है। भारत में स्टेडियमों में और टीवी स्क्रीन के सामने इस खेल को सपोर्ट करने वालों की संख्या दुनियाभर में सबसे अधिक है और यह आंकड़ा नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। कई मायनों में, इस खेल की लोकप्रियता की तुलना फ़ुटबॉल से की जाती है।

हालांकि, ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे देश भी भारत और उसके क्रिकेट के प्रशंसकों की संख्या का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। राष्‍ट्रीय टीमें नियमित रूप से विश्‍व स्‍तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेती हैं और सम्मान के साथ अपने देश का प्रतिनिधित्व करती हैं। टीम के खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करते हैं। यही कारण है कि भारत में उनका सम्मान किया जाता है।

क्रिकेट को इस स्‍तर तक पहुंचाने में सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, एमएस धोनी जैसे कई खिलाडि़यों की अहम भूमिका रही है। कई लोगों का मानना है कि भविष्‍य में भी भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता कम नहीं होगी, इसके उलट उन्‍हें उम्‍मीद है कि भविष्‍य में यह खेल और भी नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा और इसकी लोकप्रियता और बढ़ेगी। इस बात को ध्‍यान में रखते हुए कि इस देश में लगातार प्रतिभाशाली खिलाड़ी उभर रहे हैं, यह तय है कि आने वाले समय में इस खेल की लोकप्रियता में और अधिक बढ़ोतरी होगी।

बॉल हॉकी

भारत में लोकप्रियता के मामले में कभी यह खेल पहले नंबर पर था। और अभी भी यह खेल अपने पुराने गौरव को फिर से प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। एक दौर था जब भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़‍ियों ने इस खेल में ओलंपिक सहित लगभग सभी प्रतियोगिताओं में आपने शानदार प्रदर्शन के माध्‍यम से पदक जीतने में सफलता हासिल की थी। भारतीय हॉकी के लिए वह स्वर्णिम काल था। हालांकि, बाद में नियमों में नकारात्मक बदलाव हुए। बॉल हॉकी के मैदान को नये सिरे से डिजाइन किया गया।

नए नियमों के अनुसार मैच केवल आर्टिफिशियल टर्फ पर ही खेले जाने चाहिए। और उन भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह विनाशकारी था जिन्होंने अपने पूरे जीवन में इस खेल को वास्‍तविक मैदान पर खेला था। इन बदलावों के बाद, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और जर्मनी जैसे देश हॉकी के मैदान पर भारत को पछाड़ने में सफल रहे। और इस देश में हॉकी का स्तर गिर गया लेकिन इसके पास अब भी अपने पुराने गौरव को हासिल करने का मौका है। भारत में हॉकी की अपनी लीग, एचआईएल है। इसे भारत के लोगों के बीच इस खेल की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया था। यह आईपीएल क्रिकेट पर आधारित था।

फुटबॉल

यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है। यह कई देशों में खेला जाता है और फुटबॉल विश्व कप चैंपियन के खिताब के लिए सर्वश्रेष्ठ मुकाबले देखने को मिलते हैं। हालांकि, भारत में, फुटबॉल को एक दर्शक खेल के रूप में ज्‍यादाद लोकप्रियता मिली है। कई लोगों के लिए यह बात एक रहस्‍य की तरह है कि आखिर इतनी बड़ी आबादी वाला देश फुटबॉल के सर्वोच्‍च प्रतियोगिता फीफा वर्ल्‍ड कप के लिए क्वालीफाई क्यों नहीं कर पाता। आज भारत की फुटबॉल टीम विश्‍व रैंकिंग में 105वें स्थान पर है। हाल ही में विश्‍व कप में जगह बनाने वाले देशों के साइज और जनसंख्या को देखते हुए यह वास्तव में एक रहस्‍य की तरह ही है। हालांकि, इसके बावजूद भारत में फुटबॉल के कई समर्थक हैं। यही कारण है कि यूरोपीय टीमों ने इस देश में फैन कम्युनिटी का निर्माण किया है। इस तरह वे इस संस्‍कृति को बढ़ावा देते हैं और भारतीय प्रशंसकों का समर्थन प्राप्त करते हैं।

कबड्डी

पिछले कुछ वर्षों में, कबड्डी अपने पुराने गौरव और दर्शकों की रुचि को पुनः प्राप्त करने में सफलता हासिल रहा है। इसने लोकप्रियता में बैडमिंटन को भी पीछे छोड़ दिया है। प्रो कबड्डी लीग के अप्रत्याशित विकास ने इस उद्देश्य को पूरा किया है। पूरे भारत में कई स्थानों पर प्रतिवर्ष इसका आयोजन किया जाता है।

इंडियन प्रीमियर लीग के बाद प्रो कबड्डी लीग भारत का दूसरा सबसे लोकप्रिय टूर्नामेंट बन चुका है। यही वजह है कि कबड्डी ने अपनी खोई हुई पहचान को दोबारा हासिल करने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल कर ली है। और आज इस खेल के प्रशंसकों की संख्‍या काफी बड़ी है। इसके अलावा भारतीय कबड्डी टीम लगातार विश्‍वस्‍तरीय प्रतियोगिताएं भी जीत रही है। भारतीय टीम को बस कुछ ही बार हार का सामना करना पड़ा है और वह भी सिर्फ ईरान की टीम से।

बैडमिंटन

यह खेल लंबे समय से भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय रहा है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय पटल पर बैडमिंटन को अपेक्षाकृत कम सफलता मिली है। यह बात धन्यवाद देने योग्‍य है कि हाल के वर्षों में भारतीय खिलाड़ी गुणात्मक रूप से इस खेल में अपने कौशल का प्रदर्शन करने में सफल हुए हैं, अब यह पैटर्न बदल गया है। बदलाव का यह सिलसिला वर्ष 2012 में ओलंपिक खेलों में साइना नेहवाल द्वारा कांस्य पदक जीतने के बाद शुरू हुआ। इसके बाद भारत में बैडमिंटन को एक नई पहचान मिली।

इसके साथ ही इस खेल की लोकप्रियता भी बढ़ती चली गई। और वर्ष 2016 में, पी.वी. सिंधु ने रजत पदक जीता। इससे कोई खास मदद नहीं मिली लेकिन भारत के लोगों में इस खेल के प्रति और भी अधिक रुचि उत्पन्न हुई। साथ ही, देश में नए दर्शकों को आकर्षित करने के लिए एक प्रमुख बैडमिंटन लीग बनाई गई। वर्ष 2013 में यह लीग तैयार की गई। अब एक बार फिर उम्‍मीद की जा रही है कि अगले ओलंपिक में, भारतीय एथलीट एक बार फिर से खुद को इस खेल का मास्टर साबित करेंगे।

टेनिस

यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है और भारत में भी टेनिस के कई प्रशंसक हैं। हाल के कुछ वर्षों में भारतीय टेनिस खिलाड़ी एकल प्रतियोगिता में खुद को साबित नहीं कर पाए हैं। हालांकि, उन्होंने कई डबल टाइटल्स जीतने में कामयाबी हासिल की है। ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में लिएंडर पेस और महेश भूपति ने युगल और रैकेट संचालन में अपने कौशल को साबित किया।

लेकिन ये खिलाड़ी अब रिटायर हो रहे हैं और यह इतिहास में एक नया मील का पत्थर बनाने का समय है। इसलिए भारत की टेनिस इंडस्ट्री को नए, अनुभवी खिलाड़ियों की जरूरत है। वर्ष 2014 में, देश में इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग की शुरुआत की गई थी। दर्शकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए यह जरूरी था। इस प्रीमियर लीग में 4 टीमें भाग ले रही हैं जिनमें एशियाई टीमें शामिल हैं। इनमें इंडियन एसेस, जापान वॉरियर्स, सिंगापुर स्लैमर्स और यूएई रॉयल्स शामिल हैं। लेकिन दुख की बात है कि यह टूर्नामेंट उम्मीद के मुताबिक नतीजे देने में नाकाम रहा है।

कुश्ती

कबड्डी की तरह इस खेल की पहले काफी लोकप्रियता थी। ज्यादातर आम लोगों के बीच यह खेल बेहद लोकप्रिय था। भारतीय एथलीट राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर टूर्नामेंट और प्रतियोगिताओं में कई पदक जीतने में सफल रहे हैं। यह अलग बात है कि वर्तमान कुश्ती अपने आप में पारंपरिक कुश्ती से अलग है, फिर भी एक तरह से यह वही पुरानी वाली कुश्‍ती ही है।

हाल ही में, भारत के कई पहलवान तेजी से सफलता की ओर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे ही एक एथलीट हैं सुशील कुमार। यह सर्वश्रेष्ठ पहलवानों में से एक हैं, वह एक सफल ओलंपियन बनने में सक्षम थे। उनके अलावा अन्य पहलवानों को भी कुश्ती प्रशंसक जानते हैं, उनमें से कई ने विश्व स्‍तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक भी जीते हैं। इन आयोजनों की बदौलत कुश्ती पहले से कहीं ज्यादा लोकप्रिय हो गई।

मुक्केबाजी

बहुत से भारतीयों को पहले यह समझना चाहिए कि मुक्केबाजी डब्ल्यूडब्ल्यूई और अन्य लड़ाकू खेलों से काफी अलग है। वर्ष 2008 के बाद से यह भारत में लोकप्रिय हो गया। इसकी वजह विजेंदर सिंह का ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतना रहा। उसके बाद, अधिक से अधिक अनुभवी बॉक्‍सर दिखाई देने लगे। उन्होंने जीत के लिए भारत के बैनर को आगे बढ़ाया। इससे और भी लोकप्रियता हुई। फिर वर्ष 2012 के ओलंपिक में महिला मुक्केबाज ने कोहराम मचाया। एमसी मैरी कॉम ने कांस्य पदक अर्जित किया। आपको याद रखना चाहिए कि ओलंपिक खेल के रूप में मान्यता प्राप्त मुक्केबाजी को सिर्फ शौकिया तौर पर शामिल किया गया है।

ऑटोस्पोर्ट

इस खेल ने शुरू से ही भारत में कई लोगों की रुचि जगाई है। और यह समय के साथ काफी आगे बढ़ गया है। रेसिंग में सबसे लोकप्रिय प्रतियोगिता फॉर्मूला 1 है। इसने भारतीयों में काफी दिलचस्‍पी जगाई है। वर्ष 2005 में, एक टीम ने पायलट के रूप में नारायण कार्तिकेयन को नियुक्त किया। वह फॉर्मूला 1 में भाग लेने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।

वर्ष 2011 में, करुण चंडोक इस दौड़ में शामिल हुए। वह दूसरे भारतीय फॉर्मूला वन ड्राइवर बने। यह प्रयास भी असफल रहा। हालांकि, इसने मोटरस्पोर्ट के कई प्रशंसकों को आकर्षित किया। इसकी अपनी फॉर्मूला 1 टीम भी है। इसे फोर्स इंडिया कहा जाता है। वर्ष 2017 में, वह पहली बार चौथा स्थान हासिल करने में सफल रही, और 187 अंक बनाकर एक रिकॉर्ड भी बनाया। भारत में इस तरह के मोटरस्पोर्ट्स के अलावा अन्य प्रकार की रेसिंग भी काफी लोकप्रिय हैं।

बास्केटबाॅल

यह खेल लंबे समय से भारतीय प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय रहा है। बास्केटबॉल स्कूलों और विश्वविद्यालयों में प्रतिदिन खेला जाता है। इसलिए जब आप विश्व स्‍तरीय बास्केटबॉल प्रतियोगिताओं में भारत को देखते हैं तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हाल के वर्षों में, टीम अच्छी प्रगति करने में सफल रही है। महिलाएं एशियाई कप में जगह बनाने में सफल रहीं।

यह चैंपियनशिप महिलाओं के बीच हुई थी। हालांकि, यह अभी भी अपने देशवासियों का समर्थन करने का एक बड़ा कारण था। भारतीय टीमों के लिए यह पहला मौका था। इससे पहले उन्हें इतनी बड़ी सफलता कभी नहीं मिली थी। भारतीय बास्केटबॉल के स्टार सतनाम सिंह भामरा हैं। वे एनबीए में खेलने वाले देश के पहले व्यक्ति थे। उन्हें हाई स्कूल में देखा गया था और 2015 में डलास मावेरिक्स के साथ एक अच्छे करियर की पेशकश की गई थी।

भारत में खेलों का महत्व

प्रत्येक भारतीय के लिए, मैच देखना एक फिल्म, थिएटर या अन्य कला के समान है। खेल यहां के जीवन का अभिन्न अंग है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको क्रिकेट, कबड्डी, बास्केटबॉल पसंद है या कोई और खेल। यह आराम करने और खेल का आनंद लेने का एक तरीका है। खेलों को एक्टिव रखने के लिए भारत सरकार बहुत कुछ कर रही है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इसका युवा पीढ़ी और आम लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्पोर्ट्समैन और स्पोर्ट्स वूमेन अपने प्रशंसकों को बहुत खुशी देते हैं। खासकर तब जब वे विश्व स्‍तरीय पुरस्कार जीतते हैं और अपने देश का गौरव बढ़ाते हैं। वे एक टीम के रूप में काम करना सीखते हैं और अपने धैर्य को बरकरार रखते हैं।

निष्कर्ष

इस लेख में उन सभी खेलों का वर्णन नहीं किया गया है जो भारत के लोगों में लोकप्रिय हैं। वास्तव में उनमें से बहुत सारे खेल हैं। भारत एक स्पोर्टिंग कंट्री है। निस्संदेह यहां का सबसे पसंदीदा खेल क्रिकेट है। इस खेल में भारतीय दिखाते हैं कि वे कैसे सपोर्ट कर सकते हैं और अपनी टीम पर गर्व कर सकते हैं।

सामान्य प्रश्न

भारत में सबसे लोकप्रिय खेल कौन सा है?

यह निश्चित रूप से क्रिकेट है। भारतीय प्रशंसकों के लिए धन्यवाद, खेल की तुलना अक्सर फुटबॉल से की जाती है।

भारत में दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल कौन सा है?

हाल के वर्षों में भारतीय एथलीटों में कई बैडमिंटन खिलाड़ी उभरकर आगे आए हैं। निकट भविष्य में शायद यह खेल अपना एक अहम मुकाम हासिल कर लेगा।

भारत में राष्ट्रीय खेल क्या है?

भारत में कोई आधिकारिक राष्ट्रीय खेल नहीं है। हालांकि, फील्ड हॉकी को ऐसा माना जाता है।

भारत में खेलों के लिए सबसे अच्छा राज्य कौन सा है?

लोकेशन और गुणवत्तापूर्ण ज्ञान और कौशल प्रदान करने की क्षमता के आधार पर यह हरियाणा है।

लेखक: राजा दानिश (betraja.in)